Bihar Election 2025: लालू से राहुल तक, दशहरा पर सबको मिला 'रावण' का टैग! सोशल मीडिया पर सियासी संग्राम

10/2/2025, 10:51:24 AM
Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति और त्यौहार, दोनों जब एक साथ आ जाते हैं तो नजारा ही कुछ और हो जाता है। दशहरा 2025 का दिन भी कुछ ऐसा ही रहा। आमतौर पर इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है, लेकिन इस बार बिहार की सियासत में नेताओं को ही "रावण" का टैग देकर राजनीतिक जंग छेड़ दी गई। जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी ने सोशल मीडिया को अखाड़ा बना दिया और एक-दूसरे पर 'रावण राजनीति' का वार कर दिया। जेडीयू ने लालू को बताया 'रावण' जेडीयू ने दशहरा के मौके पर लालू प्रसाद यादव पर सीधा निशाना साधा। पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल से एक AI वीडियो शेयर किया गया, जिसमें लालू यादव को रावण के रूप में दिखाया गया। रावण के सिरों पर अपराध, अपहरण, लूट, हत्या, जातीय हिंसा, रंगदारी और भ्रष्टाचार जैसे शब्द लिखे गए। JDU ने कहा- बिहार की जनता बुराई का समूल नाश कर देगी वीडियो के अंत में एक युवक को रावण दहन करते दिखाया गया, जिस पर लिखा था, "बिहार की जनता"। कैप्शन में जेडीयू ने लिखा - "इस विजयादशमी पर बिहार की जनता बुराई का समूल नाश कर देगी। बुराई हमेशा हारती आई है, इस बार भी हार होगी। जीत बिहार की होगी, जीत बिहार की जनता की होगी।" भाजपा ने राहुल-तेजस्वी को बताया 'कलयुग का रावण' जेडीयू के बाद बिहार भाजपा ने भी अपने चुनावी तेवर दिखाए। पार्टी के ऑफिशियल X अकाउंट से एक पोस्टर जारी किया गया, जिसमें एक तरफ त्रेता युग के रावण की तस्वीर थी और दूसरी तरफ राहुल गांधी व तेजस्वी यादव की। पोस्टर पर लिखा गया, "मातृ शक्ति के अपमान का प्रतीक रावण आज भी मौजूद है, बस चेहरा बदल गया है।" भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल और तेजस्वी के मंच से पीएम मोदी की दिवंगत मां को गाली दी गई, इसलिए ये 'कलयुग के रावण' हैं। पार्टी ने एक और पोस्ट में लिखा - "2005 में रावण रूपी राजद का हुआ था नाश, अब फिर घमंडियाओं का होगा पत्ता साफ।" आरजेडी का पलटवार - 'रावण जैसी सरकार का अंत होगा' उधर, आरजेडी ने भी जवाबी हमला बोला और रावण दहन का वीडियो शेयर किया। 15 सेकेंड के वीडियो में कहा गया,"20 साल का अहंकार, रावण जैसी ये सरकार, अब होगा इसका संहार, आ रहे हैं तेजस्वी दिन।" पार्टी ने कैप्शन में लिखा, "अफसरशाही, अहंकार, भ्रष्टाचार और झूठे सरकारी प्रचार के रावण का होगा अंत! बिहार में जनकल्याण, नौकरी और रोजगार का शुभारंभ होगा, जब बनेगी तेजस्वी सरकार।" त्यौहार से राजनीति तक: रावण पर सियासत क्यों? बिहार की राजनीति हमेशा से त्यौहार और प्रतीकों के इस्तेमाल से भरी रही है। दशहरा जैसे मौके पर जब पूरा देश रावण दहन देख रहा था, तब सियासी दलों ने इसे चुनावी हथियार बना लिया। जेडीयू ने लालू पर 'जंगलराज' और अपराध की राजनीति का ठप्पा लगाने की कोशिश की। बीजेपी ने राहुल और तेजस्वी पर व्यक्तिगत हमले करते हुए उन्हें 'कलयुग का रावण' करार दिया। आरजेडी ने सत्ता पक्ष को घेरते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ही असली रावण है, जिसका अंत अब होना तय है। चुनावी साल में 'रावण राजनीति' 2025 का यह चुनावी साल पहले से ही बेहद गर्म है। वोटर लिस्ट से लेकर गठबंधन की खींचतान तक हर मुद्दे पर पार्टियां एक-दूसरे पर बरस रही हैं। लेकिन दशहरा पर 'रावण' टैग ने माहौल को और ज्यादा गरमा दिया। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। समर्थक और विरोधी दोनों ही तरह के मीम्स, वीडियो और पोस्ट शेयर कर रहे हैं। फेसबुक, ट्विटर (X) और इंस्टाग्राम पर #BiharElection2025, #RavanPolitics, #Vijayadashami जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं। त्यौहारों को लेकर राजनीति कोई नई बात नहीं है, लेकिन बिहार जैसे राज्य में जहां प्रतीक और भावनाएं वोटों पर सीधा असर डालती हैं, वहां यह और भी अहम हो जाता है। दशहरा पर नेताओं को 'रावण' बताने की यह सियासत आने वाले हफ्तों में और तेज हो सकती है।