Bihar Final Voter List: बिहार वोटर लिस्ट पर क्यों खामोश हैं राहुल गांधी? क्या है कांग्रेस की सस्पेंस रणनीति

Bihar Final Voter List: बिहार वोटर लिस्ट पर क्यों खामोश हैं राहुल गांधी? क्या है कांग्रेस की सस्पेंस रणनीति

10/2/2025, 9:12:01 AM

Bihar Final Voter List 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने वोटर लिस्ट SIR को लेकर जोरदार अभियान छेड़ दिया था। उन्होंने राज्य भर में वोटर अधिकार यात्रा निकाली और इस मुद्दे को लेकर एटम बम से लेकर हाइड्रोजन बम तक की धमाकेदार बातें कीं। लेकिन बिहार में फाइनल वोटर लिस्ट जारी हुए 48 घंटे से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और पार्टी आलाकमान इस पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। ऐसे सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस इस मामले में किस जवाब की तलाश में है, क्या कांग्रेस इस समय किसी अलग रणनीति का इंतजार कर रही है। आइए समझते हैं कि बिहार फाइनल वोटर लिस्ट को लेकर विपक्ष की ओर से इस मुद्दे पर सन्नाटा क्यों पसरा हुआ है। 🔵 SIR 2025 पर पहले राहुल गांधी का अभियान बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले, राहुल गांधी ने SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को लेकर अभियान शुरू किया था। उन्होंने राज्यभर में वोटर अधिकार यात्रा निकाली और इस प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची में संभावित गड़बड़ियों को लेकर लगातार आवाज़ उठाई। इस अभियान में उन्होंने कई मुद्दों पर तीखी टिप्पणियाँ कीं, लेकिन फाइनल लिस्ट के जारी होने के बाद राहुल गांधी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। 🔵 कांग्रेस आलाकमान का सन्नाटा चुनाव आयोग द्वारा बिहार में एसआईआर फाइनल लिस्ट प्रकाशित होने के बाद भी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। विपक्षी दल, जिसने SIR को चुनावी मुद्दा बनाया था, अब सावधानी से कदम बढ़ा रहा है। पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी मान रहे हैं कि बिना पूरी तरह लिस्ट का विश्लेषण किए कोई बयान देना सही नहीं होगा। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा, "फाइनल लिस्ट की आंतरिक जांच जारी है। राज्यभर में हमारे कार्यकर्ता देख रहे हैं कि कितने नाम जोड़े गए और कितने हटाए गए। यह मामला यहीं खत्म नहीं होगा।" 🔵 कांग्रेस की रणनीति: SIR पर फोकस या बड़े मुद्दे? पार्टी के भीतर कुछ नेताओं का मानना है कि अगर SIR मुद्दा जमीन पर पूरी तरह काम नहीं कर रहा है, तो कांग्रेस को इस पर अटकना नहीं चाहिए। उनका कहना है कि विपक्ष को जेडीयू-भाजपा सरकार के बड़े सत्ताधारी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। विपक्षी दल का आरोप है कि इस प्रक्रिया से कई मतदाताओं को मतदान का अधिकार से वंचित किया जा रहा है। उनका कहना है कि पिछले 22 सालों में बिहार में पांच चुनाव हो चुके हैं, तो क्या वे सब गलत थे? SIR की आवश्यकता थी तो इसे चुनाव के बाद क्यों नहीं किया गया? 🔵 बिहार फाइनल वोटर लिस्ट 2025 के आंकड़े चुनाव आयोग ने फाइनल लिस्ट मंगलवार को जारी की। बिहार में वोटर्स की संख्या 6% घटकर 7.42 करोड़ हो गई है। इस फाइनल लिस्ट में 69.29 लाख नाम काटे गए, जबकि 21.53 लाख नए नाम जोड़े गए। * जून 2025 में SIR से पहले कुल वोटर्स: 7.89 करोड़ * पहली ड्राफ्ट लिस्ट जारी होने के बाद: 7.24 करोड़ (65.63 लाख नाम कटे) * फाइनल लिस्ट में 17 लाख पहले कटे हुए नामों को फिर जोड़ा गया * नई लिस्ट में 22.34 लाख लोग मृत पाए गए * 6.85 लाख लोगों के 2 जगह नाम मिले * 36.44 लाख लोग दूसरी जगह शिफ्ट हुए 🔵 पटना में वोटर्स की संख्या बढ़ी फाइनल SIR लिस्ट में पटना जिले में 1.63 लाख वोटर्स बढ़े। पहले पटना में 46,51,694 मतदाता थे, जो फाइनल रोल में बढ़कर 48,15,694 हो गए। वहीं सारण जिले में 2,24,768 वोटर्स के नाम कट गए। पहले 31,27,451 वोटर्स थे, जो अब घटकर 29,02,683 रह गए हैं। 🔵 Bihar SIR की प्रक्रिया और उसकी शुरुआत * चुनाव आयोग ने SIR की प्रक्रिया 24 जून 2025 से शुरू की थी। इसका उद्देश्य था: * फर्जी या विदेशी नागरिकों को सूची से हटाना * दोहराए गए और स्थानांतरित मतदाताओं को हटाना * नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना * इस प्रक्रिया में कुल 7.24 करोड़ मतदाताओं से फॉर्म भरे गए। SIR का पहला चरण 25 जुलाई 2025 तक पूरा हुआ, जिसमें 99.8% कवरेज हासिल किया गया। 🔵 बिहार वोटर लिस्ट से कटे गए और नए मतदाताओं के आंकड़े * 22 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी थी * 36 लाख मतदाता अपने पुराने पते पर नहीं मिले * 7 लाख लोग नई जगह स्थायी निवासी बन चुके थे * इन आंकड़ों के आधार पर फाइनल लिस्ट तैयार की गई, जिससे चुनाव की तैयारियाँ अब और तेज हो जाएंगी। 🔵 कांग्रेस की खामोशी और आगामी रणनीति राहुल गांधी और कांग्रेस का सन्नाटा यह संकेत देता है कि पार्टी फाइनल लिस्ट का गहन अध्ययन कर रही है। विपक्ष यह देख रहा है कि कौन से नाम कटे और जोड़े गए, और इसके आधार पर अपनी रणनीति तय करेगा। CAG और चुनाव आयोग के फैसलों पर सटीक प्रतिक्रिया देने से पहले कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं से फील्ड रिपोर्ट जुटा रही है। वहीं, जनता और विपक्षी दल इस खामोशी को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कांग्रेस किस जवाब की तलाश में है। बिहार फाइनल वोटर लिस्ट ने राज्य की राजनीतिक तस्वीर को नया मोड़ दिया है। फाइनल लिस्ट में 69 लाख नाम कटने और 21 लाख नए नाम जोड़ने के बाद चुनावी रणनीतियों पर असर पड़ेगा। ऐसे में राहुल गांधी और कांग्रेस की खामोशी चर्चा का मुख्य विषय बनी हुई है।