Sahara City employees protest lockout against management Subrata Roy Sahara's family present inside | Lucknow: Sahara City में कर्मचारियों का प्रदर्शन, प्रबंधन के खिलाफ तालाबंदी, अंदर सुब्रत रॉय सहारा का परिवार अंदर मौजूद | News Track in Hindi

Sahara City employees protest lockout against management Subrata Roy Sahara's family present inside | Lucknow: Sahara City में कर्मचारियों का प्रदर्शन, प्रबंधन के खिलाफ तालाबंदी, अंदर सुब्रत रॉय सहारा का परिवार अंदर मौजूद | News Track in Hindi

10/2/2025, 9:45:17 AM

Lucknow News: राजधानी लखनऊ के सहारा शहर (Sahara City) में तनाव का माहौल है, जहां सैंकड़ों कर्मचारी अपनी बकाया सैलरी, पीएफ और भविष्य की अनिश्चितता को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। कर्मचारियों के प्रदर्शन ने सहारा शहर को पूरी तरह से सीलबंद कर दिया है, जिससे परिसर के अंदर और बाहर आवाजाही ठप पड़ गई है। परिसर के भीतर पानी और बिजली की सप्लाई भी बंद कर दी गई है। यह अवरोध इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा का परिवार परिसर के अंदर ही मौजूद है। धरने पर बैठे कर्मचारियों का गुस्सा प्रबंधन की कथित उपेक्षा को लेकर है। उनके अनुसार कि वे कई सालों से संस्थान के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पूरी सैलरी नहीं मिली है। इतना ही नहीं कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड (पीएफ) भी जमा नहीं कराया गया है, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ गया है। परिसर में इकट्ठा होकर, ये सैंकड़ों कर्मचारी सहारा प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं।कर्मचारियों का एक सूत्रीय मांग है कि पहले उनकी बात सुनी जाए और समस्या का समाधान सुनिश्चित किया जाए। नगर निगम की सीलिंग कार्रवाई का डर उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है। तब तक परिसर में आने-जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह विरोध प्रदर्शन कर्मचारियों की निराशा और हताशा को दिखाता है, जिन्होंने लंबे समय तक उम्मीद में काम किया लेकिन अब खुद को आर्थिक संकट के मुहाने पर पा रहे हैं। लखनऊ नगर निगम (LMC) की संभावित कार्रवाई ने घटनाक्रम को और भी गंभीर बना दिया है। नगर निगम ने सहारा शहर को तीन दिन के भीतर सील करने की चेतावनी दी है। नगर निगम की कार्रवाई की खबर से कर्मचारियों की चिंता और बढ़ गई है। भविष्य पूरी तरह से अंधकारमय उन्हें डर है कि परिसर सील होने के बाद न केवल उनकी बची हुई सैलरी अटक जाएगी, बल्कि उनका रोजगार और भविष्य पूरी तरह से अंधकारमय हो जाएगा। कर्मचारियों का मानना है कि नगर निगम की कार्रवाई से पहले उन्हें न्याय मिलना चाहिए और उनके बकाया वेतन व पीएफ का भुगतान सुनिश्चित होना चाहिए। यह धरना सहारा समूह के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। नगर निगम की संभावित कार्रवाई के बीच कर्मचारियों के हितों की रक्षा हो सके। सहारा प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन कर्मचारियों के प्रदर्शन और मांगों पर क्या कदम उठाते हैं।